टीकाकरण की दूसरी खुराक छूटी तो कोरोना से बचाने वाले टीके का सुरक्षा कवच कमजोर हो जाएगा। देश में तेजी से टीकाकरण कराकर संक्रमण को काबू करने के प्रयास में लगी सरकार इस बात को लेकर चिंतित है। दो दिन पहले देश में उन लोगों को टीके की दूसरी खुराक मिलना शुरू हो गई, जिन्होंने सबसे पहले टीके की पहली खुराक ली थी। पर दिल्ली समेत कई राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरा टीका लगवाने आने वालों की तादाद बहुत कम है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि कहीं यह लापरवाही संक्रमण पर भारी न पड़ जाए।
भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन नामक कोरोना वैक्सीन से टीकाकरण कराया जा रहा है। भारत सरकार के मुताबिक, इन दोनों टीकों की दो-दो खुराकें ली जाती हैं जिनमें 28 दिन का अंतर जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, टीके की दूसरी खुराक लगने के 12 दिन बाद टीके का प्रभाव शुरू होता है। यानी अगर कोई पहली खुराक लेने के बाद ही सोच ले कि वह संक्रमण से सुरक्षित हो जाएगा तो तथ्यहीन बात है।
कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक को बूस्टर भी कहा जाता है क्योंकि पहली खुराक शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को एंटीबॉडीज विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करती है जबकि दूसरी खुराक प्रतिरक्षा तंत्र की इस क्षमता को बढ़ावा देती है।
सरकार ने शनिवार को बताया कि 28 दिन पहले पहली खुराक ले चुके लाभार्थियों में से मात्र चार फीसदी ही शनिवार को दूसरी खुराक लगवाने आए। लाभार्थियों के इस व्यवहार को लेकर सरकारी अफसर चिंता में हैं क्योंकि अगर दूसरा टीका लगवाने आने वालों की तादाद कम रही तो पिछले एक महीने से जारी टीकाकरण का पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
सोमवार से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, नागालैंड, ओड़िशा और कर्नाटक में दूसरी खुराक दिए जाने की शुरूआत होगी। जबकि तमिलनाडु और केरल में मंगलवार से इसकी शुरूआत होगी। बीते शनिवार को देश के पंजाब, चंड़ीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली ने इसकी शुरूआत कर दी थी।
अमेरिका में भी दूसरी डोज चुनौती : टीके के खिलाफ दुनियाभर में चले दुष्प्रचार के कारण लोगों को पहली खुराक लगवाने के लिए तैयार करना ही बड़ी चुनौती था। अब उन्हीं लोगों को महीनेभर बाद दोबारा दूसरी खुराक के लिए बुलाने में भी चुनौती आ रही है।
ब्रिटेन टाल रहा दूसरी खुराक : संक्रमण का एक और खराब दौर झेल रहा यह देश ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके की पहली खुराक देने की रणनीति पर चल रहा है इसलिए सरकार ने दूसरी खुराक लेने की अवधि को एक महीने से बढ़ाकर तीन महीना कर दिया है। यहां सरकार का दावा है कि पहली खुराक अस्थायी रूप से सुरक्षा देती है इसलिए लोग पहली खुराक के तीन महीने तक दूसरी खुराक लगवा लें।