नई दिल्ली:
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. एक शहर में सौ रुपए प्रति लीटर तक दाम पहुंचने के बीच अब ट्रांसपोर्टरों ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है.
संगठन ने अब हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा कि डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
वहीं टैक्स की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित बातों के साथ देश में वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति पर भी एआईएमटीसी की संचालन परिषद में विस्तार से मंथन हुआ. और कहा गया कि ऐसे हालात में ट्रांसपोर्ट संचालन मुश्किल हो गया है.
एआईएमटीसी भारत का एक प्रमुख संगठन है जो देशभर में करीब 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और लगभग 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. संगठन ने अपने बयान में कहा कि उसके राष्ट्रीय नेतृत्व ने मांगों के समाधान की दिशा में प्रक्रिया शुरू करने के लिये सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है. संगठन ने ये भी कहा है कि मांगे नहीं माने जाने पर 15 दिन बाद सभी ट्रक मालिक अपने वाहनों की चाबियां जिला कलेक्टरों को सौंप देंगे. इसके बाद सैकड़ों संगठनों की ओर से सरकार को पत्र लिख कर अपनी मांगो से रूबरू कराया जाएगा.
पहुंच गई हैं. एक शहर में सौ रुपए प्रति लीटर तक दाम पहुंचने के बीच अब ट्रांसपोर्टरों ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है.
संगठन ने अब हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा कि डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
वहीं टैक्स की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित बातों के साथ देश में वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति पर भी एआईएमटीसी की संचालन परिषद में विस्तार से मंथन हुआ. और कहा गया कि ऐसे हालात में ट्रांसपोर्ट संचालन मुश्किल हो गया है.
एआईएमटीसी भारत का एक प्रमुख संगठन है जो देशभर में करीब 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और लगभग 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. संगठन ने अपने बयान में कहा कि उसके राष्ट्रीय नेतृत्व ने मांगों के समाधान की दिशा में प्रक्रिया शुरू करने के लिये सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है. संगठन ने ये भी कहा है कि मांगे नहीं माने जाने पर 15 दिन बाद सभी ट्रक मालिक अपने वाहनों की चाबियां जिला कलेक्टरों को सौंप देंगे. इसके बाद सैकड़ों संगठनों की ओर से सरकार को पत्र लिख कर अपनी मांगो से रूबरू कराया जाएगा.