धान-गेहूं खरीद मामला:
किसानों के साथ नाइंसाफी गोरखपुर के आठ सचिवों पर पड़ रहा भारी
गड़बड़ी करने वालों पर गिर रही गाज:
गोरखपुर किसानों के हक पर डाका डालना या बिचौलियों से मिलकर उनके साथ गड़बड़ी करना अब सचिवों और उनके सहयोगियों पर भारी पड़ रहा है। बीते तीन साल में ऐसा करने वाले सचिवों और उनके सहयोगियों के खिलाफ शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। वहीं जिला प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। गोरखपुर पुलिस ने भी बीते तीन साल के दौरान गड़बड़ी करने वाले सचिवों समेत आठ के खिलाफ दर्ज मामलों में
जांच-पड़ताल तेज कर दी है।
किसानों की योजनाओं और सुविधाओं को लेकर शासन पूरी तरह सतर्क है। किसानों के हक को कोई लूट न पाए, इसे लेकर शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया। यदि कहीं भी किसी ने ऐसा किया है तो शासन स्तर से उनके खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है। एक तरफ शासन ने अधिकारियों से जहां किसानों से संबंधित योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने को कहा है। साथ ही संदेश भी दिया है कि ऐसा करने वाले अफसर-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। शासन ने यह भी कहा है कि बीते तीन साल के दौरान धान और गेहूं की क्रय केंद्रों पर खरीद के दौरान कोई गड़बड़ी तो नहीं की गई है। यदि ऐसा हुआ है तो गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
शासन की मंशा को भांपते हुए गोरखपुर पुलिस प्रशासन ने क्रय केंद्रों पर खरीद के दौरान गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। गोरखपुर के डीआईजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बीते तीन साल में गड़बड़ी के आठ मामले ढूंढ निकाले हैं। इन मामलों में सचिवों तथा उनके सहयोगियों और कुछ अन्य के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। डीआईजी/एसएसपी ने सम्बंधित थानेदारों से कहा है कि दर्ज मामलों की अद्यतन स्थिति क्या है, इसकी रिपोर्ट तैयार की जाए। रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। सम्बंधित थानेदारों ने रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
अपर मुख्य सचिव की चिट्ठी से बढ़ी सख्ती:
किसानों के हक में सेंध लगाने और उन्हें किसी न किसी बहाने चूना लगाने वालों को शासन ने संज्ञान लिया है। अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन अवनीश कुमार अवस्थी ने जिला पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजकर कहा है कि बीते तीन साल में किसानों के उत्पाद की खरीद के दौरान गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए। इस पत्र के मिलने के बाद डीआईजी/एसएसपी गोरखपुर ने सभी थानेदारों और विवेचकों को इस मामले में निर्देश दे दिया है।
गोरखपुर में दर्ज मामले:
गोरखपुर में वर्ष 2018 में चिलुआताल व सहजनवा में केंद्र प्रभारी, कैम्पियरगंज व बांसगांव में सचिव जबकि वर्ष 2019 में शाहपुर, हरपुर बुदहट, सहजनवा, झंगहा में सचिव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।