यदि आपके मोबाइल फोन पर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का पंजीकरण कराने को लेकर कोई लिंक आए तो सावधान हो जाएं। लिंक पर क्लिक करते ही ठग आपके बैंक खाते को खाली कर सकते हैं। ऐसे ठगों से सावधना रहने के लिए साइबर सेल ने एक एडवाइजरी जारी की है।
दरअसल, भारत में जल्द ही कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू होने वाला है। इसको लेकर कई जगहों पर वैक्सीन की खेप भी पहुंच चुकी है। इसी बीच साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। साइबर ठक लोगों के मोबाइल पर लिंक भेजकर या रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी कर रहे हैं। ऐसे लोगों को ठगी से बचाने के लिए साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि ऐसे लिंक पर क्लिक करने से बचें जो कोविड-19 टीके बेचने, मुफ्त चिकित्सा आपूर्ति या कोरोना वायरस से लिए अवैज्ञानिक और असत्यापित इलाज की पेशकश करने जैसे संदिग्ध दावे कर रहे हैं। इस एडवाइजरी को सोशल मीडिया पर ही पोस्ट किया गया है। कोरोना की दवाई बनाने और इलाज कराने के नाम पर कई मामले लॉकडाउन के दौरान भी सामने आए थे। ऐसे ही एक मामले में अगस्त 20202 में सेक्टर 58 थाने में केस दर्ज किया गया था।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि साइबर ठग इन दिनों कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने तथा कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों के खातों में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं, जिनसे बचने के लिए लोगों का सतर्क रहना जरूरी है। वह अपनी जानकारी किसी को भी उपलब्ध ना कराएं तथा फोन पर आने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।
1. नोएडा सेक्टर-27 निवासी मनोज गुप्ता कंपनी में एचआर के पद पर कार्यरत हैं। 28 दिसंबर को उनके पास एक कॉल आई क्या वह कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। जिस पर उन्होंने सहमति जताई तो फोन करने वाली महिला ने उनसे कुछ जानकारियां लीं और कुछ देर बाद उन्हें एक बार कोड भेजा और कहा कि इसको स्कैन करें, जिससे उनका रजिस्टर्ड हो जाएगा। जब उन्होंने उसे स्कैन किया तो उनके बैंक खाते से 12,500 रुपये कट गए। उन्होंने यूपी पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
2. नोएडा सेक्टर-50 निवासी मनोज सक्सेना सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हैं और उनके परिवार में बेटे को कोरोना हो चुका है। उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से कोरोना वैक्सीन को लेने के लिए प्रयास किया और वेबसाइट पर उन्हें कोरोना वैक्सीन की बिक्री का लिंक मिला। जिस पर संपर्क करने पर उनसे 17 हजार रुपये में वैक्सीन देने का दावा किया गया और ऑनलाइन पेमेंट भी ले लिया गया, लेकिन बीस दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई वैक्सीन नहीं