तीनों बिलों पर खुली बहस कराएं केंद्र, ताकि देश को पता चले सच्चाई : अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र का कोई भी मंत्री नेता हमारे किसान नेताओं के साथ आकर बहस कर ले, जिससे देश के सामने कानूनों की सच्चाई सामने आ जाएं। वह रविवार को सिंघु बार्डर स्थित गुरू तेग बहादुर स्मारक परिसर में पंजाबी अकादमी की ओर से गुरू गोविंद सिंह के चार बेटों व माता गुजरी जी की शहादत पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई अब आर-पार की हो चुकी है। किसान अपनी खेती बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में बैठने को मजबूर है।

सिंघु बार्डर पर शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भाजपा का एक भी मंत्री और नेता नहीं है जो इन कानूनों के फायदे बता सके। केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून किसानों की जमीन को छीनकर पूजीपतियों को देने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि आज इस कड़ाके की ठंड में देश का किसान सड़क पर खुले आसमान के नीचे बीते 32 दिनों से बैठा है। अभी तक यहां पर 40 से ज्यादा लोगों की शहादत हो चुकी है। इसलिए इस पवित्र मंच से मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि ह इनकी बातें सुनकर मांगे पूरी करते हुए तीनों काले कानून वापस ले। उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन में हम लोग बैठा करते थे, तो हमें भी बदनाम किया जाता था। आज किसानों को आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीते 70 साल से देश के किसानों के साथ सबने धोखा किया है। चुनाव से पहले लोन खत्म करने की बात होती है मगर चुनाव के बाद नहीं किया जाता है। किसानों के बच्चों को नौकरी देने की बात होती है पर पूरा नहीं होता है। अब तीनों कानून लाकर किसानों की खेती भी छीनना चाहते हैं। जब खेती भी चली जाएगी और खेतों पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का अधिकार हो जाएगा। किसान अपनी उसी खेती को बचाने के लिए यहां बैठे है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने अपने सभी बड़े नेता व मंत्री उतार दिए है। जगह-जगह आयोजन करके भाजपा नेता भाषण दे रहे है। मगर अभी तक यही बताते है कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। मगर फायदा कोई नहीं बता पाता है। मुझे इनका एक भी नेता नहीं मिला जो यह बता सके कि इस कानून का किसानों को एक भी क्या फायदा होगा।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र आरोप लगाता है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है। मैं आज यहां से चुनौती देता हूं कि केंद्र सरकार अपने सबसे बड़े नेता, जिसे कानूनों के बारे में पता है, वो आ जाए और हमारे किसानों के नेता आ जाएं। दोनों जनता के बीच में बहस कर लें। मुझे पूरा यकीन है कि जितना किसानों को पता है, उतना तो भाजपा के मंत्रियों को भी नहीं पता होगा। मैं आज चुनौती देता हूं कि एक बार दूध का दूध, पानी का पानी भी हो जाए। इनके जो भी सबसे बड़े मंत्री हैं, जिसको सबसे ज्यादा जानकारी है, वो आ जाएं। दूसरी तरफ से हमारे किसान नेता आ जाएं। पूरे देश को पता चल जाएगा कि यह कानून कितने खतरनाक हैं।

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