किसान आंदोलन : आज से किसानों का भूख हड़ताल शुरू

हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी दिल्ली की सीमाओं पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करे रहे किसानों ने कड़ाके की ठंड के बीच सोमवार सुबह एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। किसान नेताओं के अनुसार प्रदर्शन कर रहे किसान अलग-अलग समूहों में भूख-हड़ताल करेंगे और पहले समूह में 11 लोग होंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। टिकारी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं।

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सिंघू बॉर्डर पर रविवार को कहा था, ”सोमवार को किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इसकी शुरुआत सिंघू बॉर्डर समेत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा। उन्होंने कहा कहा था कि हम देशभर में सभी प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद सभी लोगों से इसमें भाग लेने की अपील करते हैं।

प्रदर्शन के मद्देनजर कई मार्ग बंद हैं और दिल्ली यातायात पुलिस लोगों को बंद और खुले मार्गों की समय-समय पर जानकारी दे रही है।
यातायात पुलिस ने सोमवार को ट्वीट किया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। लोगों से लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है।

पुलिस ने बताया कि मुकरबा तथा जीटीके रोड से यातायात परिवर्तित किया गया है, इसलिए लोग आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें। साथ ही कहा कि हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ” टिकरी, ढांसा बॉर्डर भी यातायात के लिए बंद हैं। झटीकरा बॉर्डर केवल एक या दो-पहिया वाहन और राहगिरों के लिए खुला है।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *