समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ समाजवादियों का संघर्ष जारी रहेगा। सभी कार्यकर्ता और नेता अपने-अपने जिलों में किसान यात्रा जारी रखें और सरकारी दमन का दृढ़ता से सामना करें। जनता और किसान उनके साथ होंगे। भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगनी करने की बात की थी, लेकिन अब कृषि कानून लाकर उन्हें कमजोर कर रही है। इन कृषि कानूनों से किसान की जमीन जब्त कर ली जाएगी। किसान बर्बाद हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि वे जेल जाने को तैयार हैं, कन्नौज पैदल भी जा सकते हैं। भाजपा सरकार किसानों की आवाज नहीं दबा सकेगी। किसान जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उस पर सरकार क्यों नहीं कार्रवाई करती है? जो कानून किसानों के हित में नहीं है। उन्हें बदलने में उसे क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का बहाना भाजपा सरकार कर रही है जब भाजपा की रैलियां होती हैं तब इसका ध्यान क्यों नहीं होता है।
अखिलेश के आह्वान पर सपाइयों ने उन्नाव, कानपुर, जौनपुर, हरदोई, फिरोजाबाद, प्रतापगढ़, कासगंज, अलीगढ़, बरेली, आगरा, हाथरस, लखीमपुर खीरी, नोएडा, कन्नौज, मेरठ, बरेली, सीतापुर, इटावा, आजमगढ़, रायबरेली सहित प्रदेश के तमाम जिलों में किसान यात्राएं निकाली। लखनऊ में कार्यालय के बाहर पुलिस ने सुबह से ही छावनी बना ली। एमएलसी राजू यादव की पिटाई कर दी गई। एमएलसी राजपाल कश्यप को गिरफ्तार किया गया। पुलिस कार्रवाई में कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए।
अखिलेश की गिरफ्तारी की सूचना पर कार्यकर्ताओं ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को घंटे भर तक जाम कर दिया। एमएलसी आनंद भदौरिया व सुनील सिंह साजन, जयसिंह जयंत आदि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार नेताओं में पूर्व सांसद अनु टंडन, एमएलसी संतोश यादव सनी, अनुराग भदौरिया, एमएलसी आशु मलिक, अंबरीश सिंह पुष्कर आदि भी गिरफ्तार किए गए। प्रदर्शन में सुशील दीक्षित के साथ मोहम्मद एबाद, विजय सिंह, शकील खान, यामीन खान, सम्राट विकास, हर्ष वशिष्ठ, पवन सरोज, विपिन चौबे, अनुराग यादव, शैलेश यादव, दीपराज यादव व सत्यदेव किसान पुलिस के लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में किसान यात्रा नुनारा जहानाबाद फतेहपुर में निकाली गई।