बिहार और फिर हैदराबाद के गढ़ में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद है। पार्टी आक्रामक तेवरों के साथ पश्चिम और असम की चुनावी तैयारी में जुट गई है। तमिलनाडु में पार्टी फिल्म अभिनेता रजनीकांत की राजनीतिक तैयारियों पर नजर रखे हुए है। भाजपा अगले माह वहां की रणनीति को अंतिम रूप देगी। हालांकि वह अन्नाद्रमुक के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है। कोरोना काल में बिहार में गठबंधन के साथ महत्वपूर्ण जीत हासिल करने के साथ अपनी ताकत बढ़ा कर भाजपा ने विपक्षी हमलों की धार तो कुंद की ही थी।
अब हैदराबाद के स्थानीय निकाय के चुनाव में उसने अपनी ताकत दिखा कर साफ कर दिया है कि वह उन राज्यों में भी पूरी तरह तैयार है जहां उसे कमजोर माना जाता है। यहां पर पार्टी को अपनी आक्रामक रणनीति का लाभ मिला है। भाजपा के सामने अब अगले साल पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु जैसे महत्वपूर्ण चुनाव हैं। इनमें असम में उसकी अपनी सरकार भी है।
पार्टी के लिए इनमें सबसे अहम पश्चिम बंगाल का चुनाव है, जहां उसने बदलाव के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। बिहार और हैदराबाद के नतीजों ने बंगाल के लिए उसके हौसलों को बढ़ाया है तो विपक्ष के माथे पर शिकन भी ला दी है। पश्चिम बंगाल की रणनीति से जुड़े पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ पहले से ही आक्रामक रणनीति अपनाए हुए हैं और वह जारी रहेगी। पार्टी वहां पर न तो विरोधी दलों की राजनीतिक हिंसा से डरेगी और न ही किसी अन्य अड़ंगेबाजी से।
भाजपा के लिए बिहार और हैदराबाद की सफलताएं उस समय आई हैं, जब केंद्र सरकार कोरोना काल की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही थी। लोगों की परेशानी बढ़ी हुई थी, लेकिन वह चुनावी सफलता हासिल करने में सफल रही है। मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव में भी वह सफल रही है।
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा संगठन को और मजबूत करने और मिशन 2024 के लिए जमीन तैयार करने को देश के विभिन्न राज्यों के 120 दिन के दौरे पर निकल चुके हैं। उसके बाद वह सीधे असम, बंगाल और तमिलनाडु के चुनाव में जुट जाएंगे। तमिलनाडु अभी भी भाजपा की कमजोर कड़ी है। वह अन्नाद्रमुक के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन उसकी नजर फिल्म स्टार रजनीकांत पर लगी हुई है जो अगले माह अपनी पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी अपनी रणनीति अगले माह तैयार करेगी और सुनिश्चित करेगी कि रजनीकांत को लेकर राज्य में कैसा माहौल बनता है। वह किस तरह से आगे बढ़ते हैं। हालांकि भाजपा नेताओं के रजनीकांत के साथ बेहतर रिश्ते रहे हैं और उनके साथ चुनावी तालमेल की संभावनाएं भी देख सकती हैं।