सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) गिलगित बलतिस्तान में विधानसभा की 23 सीटों के लिए हुए मतदान के शुरुआती चरण में आगे चल रही है। मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली है। भारत ने गिलगित बलतिस्तान में चुनाव आयोजन करने के लिए पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि सैन्य कब्जे वाले इस क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिए उठाए गए कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अनाधिकृत परिणामों के हवाले से बताया कि पीटीआई यहां सात सीटों के साथ आगे चल रही है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को चार सीटों पर जीत हासिल हुई है
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि चार महिलाएं समेत कुल 330 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यहां किसी की भी जीत हो ऐसी संभावना है कि नई सरकार के गठन के बाद इस क्षेत्र के दर्जे में बदलाव की घोषणा की जाएगी।
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने इस्लामाबाद को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने और क्षेत्र में आम चुनाव आयोजित करने की अनुमति दी थी। 2018 के आदेश के अनुसार गिलगित-बलतिस्तान में प्रशासनिक बदलाव मुहैया कराया गया था और इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यहां के विषयों में नियम बनाने को अधिकृत किया गया।
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए नई दिल्ली में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को आपत्तिपत्र जारी किया था। भारत ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बताया था कि केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख तथा गिलगित-बलतिस्तान का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है।