बिहार के नतीजे पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के चुनाव पर डालेंगे असर

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने में काफी अहम साबित हो सकते हैं। भाजपा का प्रदर्शन खासतौर पर पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा टॉनिक साबित होगा। बंगाल बिहार से सटा राज्य है। चुनाव के दौरान ये चर्चा जोरों पर थी कि अगर विपक्ष भाजपा को बिहार में चोट पहुंचाने में कामयाब रहता है तो पश्चिम बंगाल में भाजपा की रणनीति को बड़ा झटका लग सकता है। नतीजों से इसका उलट भी हो सकता है।

 जानकारों का कहना है कि नीतीश के खिलाफ माहौल की चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं मुफ्त गैस, आवास, स्वास्थ्य, कोरोना काल मे मुफ्त अनाज आदि योजनाएं अगर बिहार में कारगर रही हैं तो अन्य राज्यों में भी भाजपा के लिए ये फार्मूला काम कर सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एक राज्य का फार्मूला दूसरे राज्य में भी काम करे ये जरूरी नही है। लेकिन नतीजों का पार्टी की रणनीति और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बड़ा असर पड़ता है। बिहार के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में विपक्ष की रणनीति में काफी उठापटक देखने को मिल सकती है। बड़ा सवाल ये होगा कि क्या ममता के साथ लेफ्ट और कांग्रेस आ सकते हैं। बड़ा सवाल ये भी होगा कि क्या बिहार के टॉनिक के आधार पर भाजपा ध्रुवीकरण और कल्याणकारी योजनाओं के कॉकटेल के सहारे बंगाल में ममता का किला ध्वस्त कर पायेगी। जानकार मानते हैं कि संकेत साफ है, बंगाल का मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है। कोविड के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भरोसा बरकरार रहना भाजपा के लिए राज्यों में भी काम कर रहा है। 

असम में भाजपा की सरकार है। बिहार के नतीजे यहाँ भी सबसे ज्यादा विपक्ष की रणनीति को प्रभावित करेंगे। केरल में भाजपा बड़ी प्लेयर नही रही है। लेकिन जानकार मानते हैं कि अगर ध्रुवीकरण का फार्मूला कारगर होता है तो इसका असर बंगाल से लेकर केरल तक देखने को मिलेगा। तमिलनाडु में डीएमके और एआईडीएमके दोनो पुरानी मजवूत स्थिति में नही हैं। ऐसे में यहाँ भी नए विकल्पों की सियासत से इंकार नही किया जा सकता। जानकार मानते हैं कि विपक्ष के कुनबे में कांग्रेस का कमजोर हाथ अन्य दलों के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। कांग्रेस कुछ राज्यो में ही आधार बचा पाई है। ऐसे में अगले साल होने वाले चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस के साथ कितना बड़ा दांव लगाते हैं ये देखना भी दिलचस्प होगा। भाजपा ने बीते सालों में त्रिपुरा जैसे राज्य जीतकर जता दिया है कि ऐसी जगहों पर भी कांग्रेस और विपक्ष की जमीन वह लेने की तैयारी में है जहां उसका पहले आधार नही रहा है। बिहार में तो भाजपा का ठोस आधार रहा है। जानकार मानते हैं कि बिहार का नतीजा सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो की रणनीति पर असर डालेगा। आने वाले दिनों में एनडीए औऱ विपक्ष दोनों खेमे में कई अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *