बिहार चुनाव में वोट पाने के लिए BJP इन लोगों का जुटा रही समर्थन

बिहार में वादों और दावों की जंग में भाजपा कोरोना काल में घर वापस लौटे लोगों का समर्थन हासिल करने में जुटी हुई है। पार्टी ने सभाओं व संपर्क के साथ सोशल मीडिया के जरिये इन लोगों से संवाद को बढ़ाया है। इसमें राज्य के बाहर के पार्टी कार्यकर्ता भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

दरअसल, बिहार में पहले चरण के मतदान से राजनीतिक दल उत्साहित तो हैं साथ ही सतर्क भी। किसी भी दल को कोरोना काल में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बाहर निकालने की उम्मीद नहीं थी। मतदाताओं के उत्साह को देखते हुए भाजपा ने भी सभाओं और संपर्क के साथ सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाई है। समाजिक समीकरणों से अलग भाजपा घर लौटे बिहारी लोगों को अपना लक्ष्य बना कर चल रही है। उसका मानना है कि यह वर्ग उसका समर्थन कर सकता है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा घर वापसी बिहार में हुई थी और उनमें से अधिकांश लोग अभी बिहार में ही है। इनमें से अधिकांश तीज का त्यौहार पर तो बिहार आते थे लेकिन चुनाव में मतदान को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं होते थे। अब जबकि वे सभी बिहार में ही है और मतदान भी कर रहे हैं ऐसे में भाजपा इस वर्ग तक और उनके जरिए उनके परिवारों तक अपनी पहुंच बना रही है। इसके लिए हर बूथ स्तर पर तो काम किया ही जा रहा है साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी संपर्क किया जा रहा है।


भाजपा नेताओं का मानना है कि बिहार के बाहर कामकाज करने और वहां पर रहने के दौरान उनका शासन को लेकर अलग तरह का सोचना हो सकता है और वह बिहार के पुराने जंगल राज की वापसी नहीं चाहते होंगे। इनमें वे लोग भी हैं जिन्होंने लालू यादव के शासनकाल के दौरान रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की तरफ पलायन किया था।

दूसरे और तीसरे चरण के लिए भाजपा का चुनाव प्रचार अभियान को भी इस तरह से तैयार किया जा रहा है, जिसमें उसके स्टार प्रचारकों के साथ चुनाव प्रबंधक भी जनता से संवाद और संपर्क में प्रभावी ढंग से जुड़ सकें। बिहार की पार्टी की अपनी टीम तो इस में जुटी हुई है दूसरे राज्यों के नेता भी सक्रिय हैं। हालांकि इस बार उनकी शारीरिक मौजूदगी उतनी नहीं है, लेकिन वर्चुअल और सोशल मीडिया के जरिए अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसमें सामाजिक समीकरणों को भी साधा जा रहा है।

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