गुरुग्राम जिले में लड़कियों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव लाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत गांवों में बालिकाओं के नाम की नेम प्लेट घरों के बाहर लगाई जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से बालिकाओं के नाम की नेमप्लेट उनके घर वालों को देकर यह मुहिम शुरू कर दी गई है।
अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार ने सोमवार को कुछ गांवों की नवजात बालिकाओं के नाम की नेमप्लेट बनवाकर उनकी माताओं को सौंपी है। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत प्रारंभिक तौर पर जिले के ऐसे गांवो का चयन किया गया है जिनका लिंगानुपात ठीक नहीं है। गांव सरहौल तथा खांडसा में अप्रैल से लेकर अक्टूबर माह तक जन्मी बालिका शिशु के नाम की नेम प्लेट बनवाकर दी गई है। सोमवार को सरहौल गांव से जियांशी पुत्री विनोद, निधि पुत्री राहुल, राशी पुत्री भगतराम को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के चिन्ह वाली आकर्षक नेम प्लेट भेंट की गई। इसी प्रकार खांडसा गांव से परी पुत्री अजय, कृति सुमन पुत्री गौतम को भी अतिरिक्त उपायुक्त ने नेमप्लेट दी। उन्हें सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, महिलाओं को किसी भी प्रकार की सहायता के लिए बनाए गए वन स्टॉप सेंटर के बारे में भी बताया गया। साथ ही बताया कि पंचायतों की मदद से भी गांव में लोगों के घर-घर जाकर जागरूक किया जाएगा।
अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि समाज में पुरानी रूढ़ीवादी विचारधारा और लड़कियों के प्रति आमजनता की सोच में बदलाव लाने के लिए यह मुहिम शुरू की गई है। अब घरों के बाहर न केवल लड़कों के नाम की नेमप्लेट लगेंगी बल्कि लड़कियों के नाम की भी नेमप्लेट घरों के बाहर नजर आएंगी। इससे लोगों में चेतना जागृत होगी। जिला प्रशासन उस बदलाव को एक कदम और आगे ले जाते हुए लड़कियों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत है।
अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि बालिकाओं के नाम से जब घर के बाहर नेमप्लेट लगेगी तो समाज के हर व्यक्ति तक यह बात पहुंचेगी कि आज के समय में जहां हमारी बेटियों ने हर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया है, हर क्षेत्र में अपना व प्रदेश का नाम रोशन किया है, समाज की अन्य लड़कियों की हिम्मत बनते हुए उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।