पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर सलाहकार ने दावा किया है कि भारत ने बातचीत के संकेत दिए हैं। इसके लिए उसने कई कुछ शर्तें भी रखी हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक नीति नियोजन पर खान के विशेष सहायक मोइद यूसुफ ने कहा कि भारत ने पाक से बातचीत करने की इच्छा जताई है। इसके साथ ही एक संदेश भेजा है, लेकिन विवरण देने से इनकार कर दिया। हालांकि भारत के साथ बातचीत के लिए यूसुफ ने कई शर्तें रखी हैं।
इसके तहत जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों की रिहाई, कश्मीरियों को बातचीत में एक पार्टी बनाना, क्षेत्र में प्रतिबंधों को समाप्त करना, अधिवास कानून को रद्द करना ( जो गैर-कश्मीरियों को क्षेत्र में बसने की अनुमति देता है) और मानव अधिकारों का हनन रोकना है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन एक आंतरिक मामला नहीं है बल्कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र के अधीन आता है।
एक समाचार पोर्टल को दिए साक्षात्कार में यूसुफ ने टिप्पणी की कि भारत ने अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद पहली बार किसी पाकिस्तानी अधिकारी ने दो केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों एक अच्छे पड़ोसी होने के नाते बातचीत के टेबल पर बैठना चाहिए। दो प्रमुख मुद्दों कश्मीर और आतंक पर वार्ता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं दोनों के बारे में बात करना चाहता हूं। पाकिस्तान शांति के लिए खड़ा है और हम आगे बढ़ना चाहते हैं। हालांकि यूसुफ की टिप्पणियों पर भारतीय अधिकारियों की तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।