बिहार विधानसभा चुनाव: पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा से RJD उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव में बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। राजद ने उनके सहरसा सीट से लड़ने पर मुहर लगा दी है। इससे पहले लवली आनंद के सुपौल विधानसभा सीट से लड़ने की बात चल रही थी। राजद ने रविवार को दूसरे और तीसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए करीब दर्जनभर उम्मीदवारों को सिंबल जारी किया। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर विधानसभा सीट से राजद के ही टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि बीते माह ही पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद ने राजद की सदस्यता ग्रहण की थी।

बाहुबली शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी। राजद ने एक युवा नियोजित शिक्षक को प्रत्याशी बनाकर इस संवर्ग को रिझाने की कोशिश की है। नौकरी छोड़कर चुनाव मैदान में कूदे सरकारी पदाधिकारी को भी पार्टी ने लालटेन थमा दी है। गोरिया कोठी के सिटिंग विधायक सत्यदेव प्रसाद का टिकट काट दिया गया है। पूर्व मंत्री रमई राम बोचहा सीट से राजद के प्रत्याशी होंगे। 

राजद ने रविवार को भी प्रत्याशी की सूची जारी नहीं की। वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि दूसरे और तीसरे चरण के प्रत्याशियों को सिंबल देने का सिलसिला लगातार जारी है। बिहपुर सीट से मौजूदा विधायक वर्षा रानी की जगह उनके पति और पूर्व सांसद बुलो मंडल खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। रघुनाथपुर से शाहबुद्दीन की पत्नी के चुनाव लड़ने में रुचि न दिखाने पर मौजूदा विधायक हरीशंकर यादव को फिर हरी झंडी मिल गई है। बेलसंड से संजय गुप्ता को सिंबल दिया गया है। इस सीट को लेकर कांग्रेस भी चाहती थी। गोरिया कोठी से मौजूदा विधायक सत्यदेव प्रसाद की जगह नूतन वर्मा पार्टी प्रत्याशी होंगी। वहीं गरखा के मौजूदा विधायक मुनेश्वर चौधरी के जाप में शामिल होने के बाद इस सीट पर सुरेंद्र राम को सिंबल दिया गया है।

वहीं तीसरे चरण में बोचहा सीट से पूर्व मंत्री रमई राम प्रत्याशी होंगे। लालू के करीबी माने जाने वाले बहादुरपुर के विधायक भोला यादव इस बार हायाघाट सीट से लड़ेंगे। मुढ़वा से रणविजय साहू को सिंबल मिला है। सहरसा के मौजूदा विधायक अरुण यादव का टिकट कट गया। महिषी सीट पर बीडीओ के पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. गौतम कृष्ण को लालटेन थमाई गई है। इस सीट से प्रो. अब्दुल गफूर विधायक थे। कुछ समय पूर्व उनका निधन हो गया था। रानीगंज से नियोजित शिक्षक की नौकरी छोड़कर चुनाव मैदान में आने वाले अविनाश मंगलम पर पार्टी ने दांव लगाया है।  

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