बिहार चुनाव: किसने किसे साधा BJP-RJD की पहली कैंडिडेट – सियासी सेंधमारी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए से लेकर महागठबंधन ने अपन-अपने सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है। जदयू, भाजपा और तेजस्वी यादव के अगुवाई वाली राजद ने बिहार विधानसभा चुनाव पहले चरण की सीटों के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आ गई है और इसमें साफ पता चलता है कि इन दोनों पार्टियों का फोकस क्या है। आरजेडी ने जहां 27 सीटों के प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाई है, वहीं भाजपा ने भी 27 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। राजद की पहली लिस्ट में एमवाई समीकरण (मुसलमान और यादव) को साधने की कोशिश की गई है। इस चरण में राजद ने जहां अपने परंपरागत यादव समुदाय का ख्याल रखा है, वहीं भाजपा ने भी सवर्णों पर ही ज्यादा फोकस किया है।

राजद ने पहले चरण के प्रत्याशियों के चयन में जातिगत गणित का पूरा ध्यान रखा है, मगर मुस्लिम-यादव (एमवाई) समीकरण को साधने के साथ ही पार्टी ने दलितों, अति पिछड़ों पर भी फोकस किया है। राजद ने अपने परंपरागत वोट बैंक का ख्याल रखते हुए सर्वाधिक 19 सीटों पर यादव प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, राजद ने टिकट वितरण में राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार और वैश्य समाज को भी प्रतिनिधित्व दिया है।

राजद को इस चरण में 41 सीटें मिली हैं। जिन प्रत्याशियों को लालटेन के सिंबल दिए गए हैं, उनमें से 19 यादव हैं। जबकि राजद ने दो मुस्लिमों को भी बांका और रफीगंज से मैदान में उतारा है। राजद ने कोइरी जाति के तीन उम्मीदवारों को टिकट देकर उपेंद्र कुशवाहा का काट निकालने की कोशिश की है। इसके अलावा आठ अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं। तीन टिकट देकर राजद ने ईबीसी यानि अति पिछड़ा वोट बैंक में भी सेंधमारी की जुगत भिड़ाई है। राजद ने मोकामा से अनंत सिंह को टिकट देकर सबको चौंका दिया है। 

अब भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो बीजेपी ने पहले चरण में 60  फीसदी सवर्णों को टिकट दिया है। माना जाता है कि बीजेपी के कोर वोटर्स यही हैं। बीजेपी की 27 उम्मीदवारों की पहली सूची में सर्वाधिक 16 सीटों पर राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण चेहरे चुनाव मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशियों की सूची पर नजर डालें तो सर्वाधिक सात टिकट राजपूत प्रत्याशियों को दिए गए हैं। साथ ही छह भूमिहार और तीन ब्राह्मणों को टिकट देकर पार्टी ने अपने बेस वोट को खासा महत्व दिया है। इसके अलावा तीन यादव प्रत्याशियों को भी टिकट देकर भाजपा ने राजद के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश की है। 

वहीं, तीन अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों को टिकट देकर बीजेपी ने पार्टी विद डिफरेंस के संकेत दिए हैं। इसके अलावा, एक आदिवासी, एक वैश्य, एक बिंद, एक दांगी और एक चंद्रवंशी को भी भाजपा ने टिकट दिया है। इस तरह पार्टी ने अगड़ों के साथ पिछड़ों, दलितों और अति पिछड़ों को भी हिस्सेदारी दी है। इस तरह से देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी और राजद दोनों ने अपनी पहली लिस्ट में अपने बेस वोट बैंक पर ध्यान तो दिया ही, मगर विरोधियों के वोट बैंक में भी सेंधमारी की कोशिश की है। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *