राज्य सरकार नजूल की जमीनों पर बिना पट्टे के मकान बनाकर रहने वालों को बड़ी राहत देने जा रही है। इन अवैध कब्जेदारों की जमीनों को डीएम सर्किल रेट का शत-प्रतिशत शुल्क लेकर फ्री होल्ड किया जाएगा। आवास विभाग इस संबंध में जल्द नई नीति लाने जा रहा है।
प्रस्तावित नीति के मुताबिक, केवल आवासीय जमीनों को फ्री-होल्ड किया जाएगा। व्यवसायिक या अन्य भू-उपयोग वाली जमीनें फ्री होल्ड नहीं होंगी। आवास विभाग का मानना है कि आवासीय जमीनों को फ्री-होल्ड करने से राज्य सरकार को जहां अरबों रुपये राजस्व मिलेगा। वहीं अवैध कब्जेदारों को राहत मिलेगी। अवैध कब्जेदारों को तय समय के लिए यह सुविधा दी जाएगी। इसका फायदा बिल्डरों या फिर दलाल न उठा पाए इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
अवैध कब्जेदारों को संबंधित जमीन पर रहने संबंधी प्रमाण पत्र देना होगा। मसलन, बिजली का बिल, पानी का कनेक्शन बिल या फिर अन्य ऐसा कोई प्रमाण पत्र जिससे यह साबित हो सके कि वही सालों से वहां मकान बनकर रहता चला आ रहा है। किसी दूसरे के नाम पर पट्टा है और कोई उस पर जबरिया कब्जा कर लिया है, तो ऐसी विवादित जमीनों को फ्री होल्ड नहीं किया जाएगा।
आजादी के बाद जिन जमीनों का कोई वारिस नहीं मिला, उसे नजूल घोषित कर दिया गया। इन जमीनों को जरूरतमंदों को पट्टे पर देने लगा। लखनऊ में विकास प्राधिकरण और प्रदेश के अन्य जिलों में डीएम इन जमीनों की देखरेख के लिए कस्टोडियन बनाए गए हैं।