लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास जारी तनाव के बीच में चीनी सैनिकों ने अब नया पैंतरा अपनाया है। घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किए जाने और पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाली जगहों पर भारतीय सेना के फतह से बौखलाए चीन ने अब नई चाल के तहत अपने फॉरवर्ड पोस्ट पर लाउडस्पीकर लगाया है। पैंगोंग झील के पास फिंगर 4 पर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने बड़े-बड़े लाउडस्पीकर लगाए हैं और उसमें पंजाबी गाने बजाने शुरू किए हैं। माना जा रहा है कि चीन की यह चाल भारतीय जवानों के ध्यान को भटकाने के लिए है। चीन ने फिंगर 4 पर अपनी जिन फ्रंट चौकियों पर लाउडस्पीकर लगाए हैं, वह भारतीय सेना की 24 घंटे निगरानी में है।
सूत्रों की मानें तो ऐसी संभावना जताई जा रही है कि भारतीय जवानों की लगातार निगरानी से परेशान होकर चीनी सैनिकों ने यह ड्रामा उनका ध्यान भटकाने के लिए किया है और लगातार पंजाबी गाने बजा रहे हैं। या फिर प्रेशर रीलीव करने के लिए ऐसा कर रही है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह जगह वही है जहां हाल ही में 8 सितंबर को दोनों देशों के सेनाओं के बीच करीब 100 राउंड हवाई फायरिंग हुई थी।
हमारी सहयोगी वेबसाइट हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, चीन 1962 में जिस रणनीति को अपनाया था, अब फिर से उसी पर काम कर रहा है। चीनी सेना के सैन्य रणनीतिकार सुन जू ने छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में अपनी बहुचर्चित किताब ‘आर्ट ऑफ वॉर’ में लिखा है कि सबसे अच्छा युद्ध कौशल वह होता है जो बिना लड़े ही जीत लिया जाए। उन्हीं की रणनीति पर काम करते हुए चीनी सेना और कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स लद्दाख में भारतीय सैनिकों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़े हुए हैं।
दरअसल, 29-30 अगस्त को पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना द्वारा रेजांग ला और रेचिन ला में चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के बाद चीनी सेना सबसे पहले टैंक और बख्तरबंद सैन्य वाहन लेकर आई थी। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी को लगा कि उसके इस गीदड़भभकी से भारत के जवान डर जाएंगे और पीछे हट जाएंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ और भारत के जवान डटे रहे। भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया कि अगर चीनी सेना ने रेड लाइन को पार किया तो वह इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
घुसपैठ की कोशिश के नाकाम होने के बाद चीनी सेना ने नया पैंतरा आजामाया और पैंगोंग झील के फिंगर 4 पर पंजाबी गाना बजाना शुरू कर दिया। इसके अलावा, चूसूल में चीनी सेना के मोल्डो सैन्य चौकी पर भी लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। इन पर चीनी सेना की ओर से कहा जा रहा है कि भारतीय सेना अपने राजनीतिक आकाओं के हाथों मूर्ख न बने। इन लाउडस्पीकर के जरिए चीनी सेना अब भारतीय जवानों को यहां की सरकार और नेताओं के खिलाफ भड़काने की नापाक कोशिश में जुटी है।
चीनी सैनिक इन लाउडस्पीक के जरिए भारतीय सेना को भड़काने और उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिशों में जुटे हैं। कड़ाके की ठंड में इतनी ऊंचाई पर भारतीय जवानों की तैनाती से घबराई चीनी सेना अब नया दांव खेल रही है और भारतीय जवानों को ऊंचाई वाले जगहों पर तैनात किए जाने के भारत सरकार के फैसलों के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रही है। चीनी सेना की यह कोशिश है कि इन लाउडस्पीकर के जरिए भारतीय जवानों को उकसाया जाए, उनके अंदर असंसोथ पैदा किया जाए और कड़ाके की ठंड की याद दिलाकर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया जाए।
भारतीय सेना के एक पूर्व प्रमुख के मुताबिक, पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने ठीक इसी तरह लाउडस्पीकर रणनीति का इस्तेमाल साल 1962 और 1967 में नाथु ला झड़प के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि चीन को लगता है कि फिंगर 4 पर पंजाबी सैनिक तैनात हैं। चीनी सेना को लगता है कि फिंगर चार पर पंजाबी सैनिकों की तैनाती है और यही वजह है कि वे पंजाबी गाने बजा रहे हैं।
बता दें कि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पिछले 20 दिनों में कम से कम तीन बार फायरिंग की घटना हो चुकी है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, सबसे पहली घटना तब घटी जब दक्षिणी पैंगोंग की ऊंचाई वाली चोटी पर कब्जा करने की चीन ने कोशिश की। इस दौरान, भारत ने चीन के सैनिकों को वापस खदेड़ते हुए उनकी चाल को नाकाम कर दिया। यह घटना 29-31 अगस्त के बीच हुई। इसके बाद दूसरी घटना सात सितंबर की है, जो कि मुखपारी की चोटियों पर घटी थी।
सूत्रों ने आगे बताया कि तीसरी घटना आठ सितंबर को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई थी। इस दौरान, दोनों ही पक्षों के जवानों ने 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी। यह गोलीबारी इसलिए हुई क्योंकि चीनी पक्ष काफी आक्रामकता दिखा रहा था। ये सभी घटनाएं ऐसे वक्त में हुईं, जब भारत और चीन के विदेश मंत्रियों (एस. जयशंकर और वांग यी) के बीच रूस के मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन से इतर एक बैठक होने वाली थी। दोनों ही विदेश मंत्रियों ने सीमा पर अप्रैल से जारी तनातनी पर बातचीत की थी और तनाव को कम करने पर राजी हुए थे।